आज हमारा देश आजादी के साठ साल पूरे कर चुका है । आज हम विश्व की एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है । हमारे लोग संसार में लगातार अपनी पहचान बना रहे है । आज विश्व भारत को जानने लग गया है । यह सब जब हम देखते है तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है , और हमे भारतिय होने पर गर्व होता है ।
लेकिन जब हम गहराई से सोचते है तो हमे एक खोकलापन भी दिखाई देता है ,तब मन में विचार आता है कि , क्या हम ( मतलब एक आम भारतिय ) सच में उतने आजाद है ?
इस सबाल को उठाने के कई कारण है ।
1. क्या आज एक आम आदमी देश के किसी भी पुलिस थाने में आसानी के साथ अपनी रिपोर्ट लिखवा सकता है ?
2. क्या किसी सरकारी दफ़्तर में बिना रिश्वत के कोइ काम कराया जा सकता है ?
3. क्या कोइ एम.पी. ,एम.एल.ए. , काउन्सलर , सरपंच अपने इलाके का काम ईमान्दारी के साथ करता हुआ मिलता है ?
4. क्या कोइ नेता देश की खातिर , लोगो को बांट्ने की राजनीति बंद कर सकता है ?
5. क्या कोइ ईमान्दार अधिकारी अपना काम ईमान्दारी से कर पाता है ? क्या उसको उतनी आजादी होती है ?
6. देश मे क्या खेलो में राजनीति ही हावी रहेगी ? क्या खेल अधिकारी, खेलो के लिये मिलने वाले पैसे पर अय्यासी बंद करेगें ?
7. क्या देश को ओलंपिक में वो स्थान मिलेगा जो आज अमेरिका,चीन या रुस को प्राप्त है ?
8. क्या क्रिकेट का बोलवाला खत्म होगा ?
9. क्या लोग ईमान्दारी से अपनी कमाई पर पूरा टैक्स देगें ?
10. क्या गरीबी , भ्रष्टाचार इस देश से खत्म होगा ?
अगर मेरे इन सबालो का जवाब हाँ में है तो , हाँ हम आजाद है वर्ना हम आज भी हम उन लोगो के गुलाम है जो हम पर हुकुमत करते है । हमारे हर कदम पर रोड़ा अटकाते है ।
और आज हमें कसम खानी चाहिए कि अगली जंग उन्ही लोगो के खिलाफ़ लड़ी जायेगी । बस इन्तजार है एक मंगलपांडे का ।

इन्कलाब जिंदाबाद