आज कल लोगो को अपनी बात रखने का एक बहुत बड़ा जरिया मिल गया है, ओर वो है ब्लाँग । भारत में ब्लाँगिंग अभी इतना पाँपुलर नही है, लेकिन जब से लोगो को अपनी भाषा मे लिखने का मौका मिला है, लोग इसकी ओर आर्कषित हो रहे है ।
ब्लाँगिंग भी एक तरह का समाज है ओर उस समाज को हम ब्लाँगर कहते है । हर समाज कि तरह इसमें अच्छे ओर बुरे दोनो लोग मौजूद है । जब आप विभिन्न तरह के ब्लाँग पड़ते है तो इसका अहसास आपको आसानी से हो जायेगा ।
जहाँ तक अच्छे ब्लाँग कि बात है, मेरे ख्याल से ज्यादातर ब्लाँगर अच्छी ब्लाँगिंग करते है चाहे वो तकनीकी , आर्धिक ,मनोरंजन जगत कि ब्लाँगिंग हो या समाज से जुड़ी बाते ,सब अच्छा लिख रहे है। लेकिन एक मुहावरा है कि एक मछली सारे तालाब को गंन्दा करती है ओर वही सब कुछ ब्लाँगिंग मे हो रहा है।
कुछ ब्लाँग तो इतने फ़ूहड़ है कि मन में आता है कि ब्लाँग कि भी सेंसरशिप होनी चाहिए ,क्योकि कुछ तो इतनी फ़ूह्ड़्ता परोस रहे है कि डर लगता है कि जब बच्चे उनको पड़ते होंगे तो उन पर क्या प्रभाव पड़ता होगा । माना लोगो को लिखने का अधिकार है ओर ब्लाँगिंग का परपस भी वही है लेकिन ये कैसी आजादी कि आप सरे आम गालियां निकाले , गलत बाते कहे ।
जैसे-जैसे हिन्दी ब्लाँगिंग का प्रसार होगा, ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़्ते जायेगें ,अपनी बाते रखेगें । अच्छी ओर गलत ब्लाँगिंग से ही हिन्दी ब्लाँगिंग का भविष्य जुड़ा हुआ है ।
उम्मीद है कि भविष्य में हमे अच्छे ब्लाँग पड़्ने को मिलेगें ।

2 comments:

aap sahi kah rhen hain.par jyada chinta karne ki bhi bat nhi buri chije jyada din nhi chalti khud hi log use nkar dete hain

हिन्दी ब्लॉगिंग को लेकर इतने अनसिक्योर हो जाते हैं आप, लिखने दीजिए उनको जो पोस्ट के नाम पर गाली लिख रहे हैं। समय के हिसाब से सब दुरुस्त हो जाएंगा।